देवी गंगा को कई नामों से जाना जाता है, जिनमें भागीरथी, सावित्री, जान्हवी और विष्णुपदी शामिल हैं। माना जाता है कि गंगा जल नकारात्मकता को दूर करने और शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करने में सक्षम है। भक्त पवित्र नदी गंगा में स्नान करके पिछले पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं। गंगा पूजन करने से व्यक्ति के वर्तमान और पिछले जन्मों के बुरे कर्मों और पापों को धोने में सहायक है। प्रयागराज तीन नदियों का संगम है: गंगा, यमुना और सरस्वती। यह पुण्य क्षेत्रों में से एक है ।
गंगा पूजा कब करनी चाहिए?
- गंगा पूजन किसी भी शुभ दिन पर किया जा सकता है, जिसमें गंगा दशहरा भी शामिल है।