रामेश्वरम में नाग प्रतिष्ठा पूजा नागदेवता को प्रसन्न करने और सर्प दोष या नाग दोष को कम करने के लिए की जाती है। रामेश्वरम उन ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो नागप्रतिष्ठा जैसे अनुष्ठान करने और किसी के जीवन में एश्वर्य और धन लाभ के लिए बेहद शक्तिशाली क्षेत्र हैं । ज्योतिष में सर्प दोष बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस सर्प दोष के कारण अनेक प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होती हैं और जातक की कुण्डली में यह महादोष बन जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सर्प दोष की कई प्रकार से व्याख्या की गई है। लग्न, 2, 5, 7, या 8वें घर में राहु का स्थान, साथ ही केंद्र स्थानों (1, 4, 7,10 ) में अशुभ ग्रहों(राहु, केतु, मंगल, शनि और सूर्य)की स्थिति सर्प दोष उत्पन्न करने वाली मानीं गई है।
नागा प्रतिष्ठा प्रक्रिया:
• गणपति पूजा
• पुण्याह वाचनम और महासंकल्पम
• कलश पूजा
• नव नागा आह्वानम
• लक्ष्मी नारायण और शिव पार्वती आह्वानम
• पंचसूक्त परायणम
• होमम पूर्णाहुति
• नागा शिला प्रतिमा के लिए अभिषेकम
• नागा शिला प्रतिष्ठापन
रामेश्वरम नाग प्रतिष्ठा के लाभ
सर्प दोष या नाग दोष को दूर करने में लाभकारी है। बच्चे के जन्म में देरी के कारण होने वाली चुनौतियों से राहत मिलती है। शिक्षा और विवाह से संबंधित चिंताओं, जैसे कि विवाह में देरी होना । व्यवसाय और व्यक्तिगत विकास में सहायता मिलती है।