गोकर्ण में तिल होमम

Thila Homam At Gokarna

गोकर्ण में तिल होमम

गोकर्ण में तिल होमम एक शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है, जो पितरों को प्रसन्न करने और उन परिवार के सदस्यों को शांति देने के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु अप्राकृतिक रूप से हुई हो। यह अनुष्ठान मुख्य रूप से उन लोगों द्वारा कराया जाता है जिनकी कुंडली में पितृ दोष होता है। गोकर्ण में इस तिल होमम को कराना अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना जाता है।

भक्तों की आवश्यकताओं के अनुसार पूरे होमम का आयोजन होता है, जिसमें गोकर्ण में स्वामी दर्शन से लेकर विसर्जन तक की प्रक्रिया शामिल है। भोजन और आवास की व्यवस्था भी कराई जा सकती है।

कौन कराए तिल होमम?
  • जिनकी कुंडली में पितृ दोष हो।
  • परिवार के किसी सदस्य की अकाल मृत्यु या अचानक दुर्घटना हो।
  • पितृ कर्म/श्राद्ध/तर्पण नियमित रूप से न किया गया हो।
  • विवाह, नौकरी, संतान, वित्तीय समस्याओं, झगड़ों, या कोर्ट-कचहरी से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो।
  • जीवन में असामान्य, नकारात्मक या दुष्प्रभावी घटनाओं का अनुभव हो रहा हो।

हमारी प्रतिबद्धता:

  • वैदिक और अनुभवी आचार्य ।
  • हम उच्च स्तर की सेवा और एक श्रेष्ठतम अनुभव की गारंटी देते हैं।
  • पूजा शास्त्रों के अनुसार की जाती है।
  • समय की पाबंदी और प्रामाणिकता की गारंटी।

गोकर्ण में तिल होमम का महत्व:

गोकर्ण में तिल होमम कराने से पितृ (पूर्वज) प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद हमें, हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों को मिलता है। यह अनुष्ठान गोकर्ण के यज्ञशाला में किया जाता है। यह स्थान तिल होमम के लिए अत्यधिक शुभ और शक्तिशाली माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, यदि परिवार का एक सदस्य भी इस पाप को धारण करता है, तो इसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है।

इसलिए, परिवार के सभी सदस्यों को इस होमम में शामिल होना चाहिए, क्योंकि यह जीवन में केवल एक बार किया जाता है। यह होमम उन आत्माओं की शांति के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु अप्राकृतिक रूप से हुई हो। उनकी बेचैनी हमारे परिवार पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। तिल होमम उन आत्माओं को मोक्ष प्राप्त करने में सहायता करता है।

गोकर्ण में तिल होमम क्यों किया जाता है?

  • पितृ दोष के निवारण के लिए, जिससे पितरों को संतुष्टि मिल सके।
  • पितृ दोष निवारण पूजा/परिहार न करने से पितरों की असंतुष्टि उत्पन्न होती है, जो बाधाएँ पैदा करती हैं, जैसे:
  • संतान प्राप्ति में देरी।
  • नौकरी में स्थायित्व की कठिनाई/अचानक धन हानि।
  • विवाह में देरी।
  • परिवार में कलह। पितरों की आत्मा की शांति और परिवार में सुख-शांति स्थापित करने के लिए।

तिल होमम कितना प्रभावशाली है?

  • ज्ञात और अज्ञात पापों का निवारण होता है और पितृ आशिर्वाद प्राप्त होता है।
  • इस अनुष्ठान में पितरों की आत्मा को बार-बार परेशान करने के बजाय, इसे केवल जीवन में एक बार करना ही पर्याप्त है।
  • तिल होमम कर्मों के भार को कम करने में मदद करता है।

गोकर्ण में तिल होमम कैसे किया जाता है?

  • इस होमम में तिल का उपयोग होता है।
  • भगवान सूर्य भगवन की कलश और मंडल में पूजा की जाती है।
  • गायत्री मंत्र और पितृ दोष निवारण मंत्रों का जाप किया जाता ह कलश, फल, और अघ्य दान किए जाते हैं। यमराज पूजा और होम के बाद पिंडदान किया जाता है। गोकर्ण में तिल होमम अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और यह पितरों को मोक्ष प्रदान करता है।

गोकर्ण में तिल होमम के लाभ:

    मृत आत्माओं को शांति प्रदान करता है। पितृ दोष निवारण के उपाय पितृ दोष से मुक्ति दिलाते हैं। अचानक जीवन में आई समस्याओं और चिंताओं से राहत मिलती है। विवाह, संतान प्राप्ति से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है।

गोकर्ण में तिल होमम के लिए मिस्टिक पावर के योग्य आचार्य बुक करें। सभी पूजा सामग्री हमारे आचार्य द्वारा लाई जाएगी।