![](https://mysticpower.in/wp-content/uploads/2024/01/बुरी-नजर-लगने-की-मान्यता-क्यों.png)
बुरी नजर लगने की मान्यता क्यों?
श्री श्रीराम जिज्ञासु ( प्रश्न ज्योतिष )
Mystic Power – संसार के लगभग सभी देशों में बुरी नजर लगने के प्रभाव को जाना जाता है। जीवित प्राणियों पर ही नहीं वरन् निर्जीव पदार्थ तक बुरी नजर लगने पर विकारग्रस्त हो जाते हैं। सुंदर वस्तुएं खो जाती हैं, नष्ट हो जाती हैं। यहां तक कि सुंदर प्रतिमा बुरी नजर प्रभाव से खंडित होती देखी गई है। बिना किसी पूर्व रोग के एकाएक बच्चा बीमार पड़ जाता है। दुधारू पशु-गाय, भैंस आदि को जब बुरी नजर लग जाती है, तो उसका दूध सूख जाता है।
बुरी नजर लगने का आशय यह है कि जब कोई व्यक्ति अत्यधिक दुर्भावना या आकर्षण से एकाग्र होकर किसी व्यक्ति या वस्तु को देखता है, तो उसकी बेधक दृष्टि उस वस्तु पर दुष्प्रभाव डालती है। भूखे व्यक्ति की कुटृष्टि आपके भोजन को विषैला बना सकती है। अतः भोजन जहां तक हो सके, अजनबियों के बीच न करें।
आमतौर पर बुरी नजर का प्रभाव कोमल चित्त वाले, बच्चों, महिलाओं और पालतू जानवरों पर देखा जाता है। इसके अलावा मकान, उद्योग, व्यापार, वाहन, दुकान आदि पर भी बुरी नजर का असर होता है। बच्चों पर बुरी नजर का प्रभाव शैशवावस्था में अधिक होता है। बुरी नजर के प्रभाव से अच्छा भला बच्चा देखते-देखते ही बीमार पड़ जाता है। वह दूध पीना छोड़कर अधिक रोता है। चिड़चिड़ा हो जाता है, ज्वर आ जाता है। उसकी आंखें चढ़ी हुई-सी रहती हैं। पलकों की बरौनियां खड़ी तथा मुंह से खट्टी गंध आने लगती है। अपच की शिकायत हो जाती है।
महिलाओं पर बुरी नजर का प्रभाव विवाह के समय, गर्भावस्था में बच्चा होने के बाद के समय में अकसर होता है। वयस्क व्यक्ति को जब बुरी नजर लगती है, तो उसे मानसिक तनाव, बेचैनी, अशांति का अनुभव, शरीर की पीड़ा, ज्वर, मंदाग्नि आदि तकलीफें महसूस होती हैं।
बुरी नजर लगने के मूल में वैज्ञानिकों ने मानवीय विद्युत का अहितकर प्रभाव माना है। किसी-किसी व्यक्ति की दूषित दृष्टि इतनी बेधक होती है कि उससे बच्चे की शक्ति खिंचती है और वे उसके झटके को बर्दाश्त न करके बीमार हो जाते हैं। ऐसा देखा गया है कि अजगर अपनी दृष्टि से आकाश से पक्षियों को अपनी ओर खींच लेता है। भेड़िए की दृष्टि से भेड़ और बिल्ली की दृष्टि से कबूतर इतने अशक्त हो जाते हैं कि भाग तक नहीं सकते। इसी को आंखों की आकर्षण शक्ति का सम्मोहन कहते हैं।
नजर से बचाने के लिए काले टीके का या काले धागे के प्रयोग के पीछे मान्यता यह है कि यह विद्युत् का सुचालक होता है। आमतौर पर देखने में आया है कि आकाश की बिजली अकसर काले आदमी, जानवर, सांप या अन्य काली वस्तुओं पर पड़ती है। जाड़े के दिनों में काले कपड़े अधिक गर्मी सोखते हैं। इसीलिए बच्चों को कपाल, हाथ-पैरों में और आंखों में काजल लगाया जाता है। पैर, हाथ, गले, कमर में काला डोरा बांधा जाता है। काली बकरी का दूध पिलाया जाना और काली भस्म चटाना जैसे सभी कार्यों का उद्देश्य नजर के दुष्प्रभाव से बचाने की शक्ति ग्रहण करना है। बुरी नजर से बचने के लिए शेर का नाखून, नीलकंठ का पर, मूंज या तांबे का ताबीज गले में पहना जाता है। दुकानदार नीबू और हरी मिर्चे दुकान में लटका कर रखते हैं। ट्रक मालिक ट्रक के पीछे जूता लटकाते हैं। कारखाने वाले प्रवेश द्वार पर घोड़े की नाल लगाते हैं। मकान पर काली हंडिया टांगी जाती है। यह नजर की एकाग्रता भंग करने की दृष्टि से किया जाता है।
आप भी अपना जन्म विवरण भेजकर ज्योतिष संस्थान से अपना वर्तमान, भूतकाल और भविष्य विस्तृत जानकारी ग्रह दोष और निवारण जान सकते है।
श्री गुमानो ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान मंच सम्पर्क – 9548224103
नोट:- नज़र दोष लगना आम बात नहीं होती सावधान रहें सुरक्षित रहे
"मिस्टिक पावर में प्रकाशित सभी लेख विषय विशेषज्ञों द्वारा लिखे जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं का सम्पादन मिस्टिक पावर के अनुभवी एवं विशेषज्ञ सम्पादक मण्डल द्वारा किया जाता है। मिस्टिक पावर में प्रकाशित लेख पाठक को जानकारी देने तथा जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया जाता है। मिस्टिक पावर लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है।"
:- लेखक के व्यक्तिगत विचार होते हैं जो कि सनातन धर्म के तथ्यों पर आधारित होते हैं। -:
![](https://mysticpower.in/wp-content/uploads/2023/02/DONATION.jpeg)
![](https://mysticpower.in/wp-content/uploads/2023/10/contact-us-.png)