ज्योतिष विज्ञान ग्रहों के गति विचार Mystic PowerDecember 21, 2022 श्री शशांक शेखर ‘शुल्ब’ (धर्मज्ञ )- mystic power- ग्रहों की गति पर विचार करता हूँ। हम जानते हैं कि राशिचक्र दीर्घवृत्ता... 0
ज्योतिष विज्ञान ग्रहों के दुष्प्रभाव में पेड़-पौधों की भूमिका Mystic PowerSeptember 19, 2022September 27, 2022 शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ ) mystic power- हमारे ऋषि मुनियों को ग्रहों के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए पेड़-पौधों की भूमिका का भी प... 0
ज्योतिष विज्ञान चारो युगों का ज्योतिषीय अर्थ Mystic PowerJune 24, 2022 अरुण उपाध्याय (धर्म शास्त्र विशेषज्ञ ) कलि: शयानो भवति संजिहानस्तु द्वापर:। उत्तिष्ठन् त्रेता भवति कृतं संपद्यते चरन्।।-ऐतरेय ब्राह्... 0
ज्योतिष विज्ञान छह रिपु अर्थात् शत्रु Mystic PowerJune 24, 2022 डॉ. अजय भाम्बी विश्वप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य- गीता के अनुसार व्यक्ति स्वयं ही अपना मित्र और शत्रु है। साथ ही श्री कृष्ण बताते हैं कि म... 0
ज्योतिष विज्ञान जानिए क्या है आत्म विद्या विमर्श ? Mystic PowerJune 25, 2022 डॉ. दीनदयाल मणि त्रिपाठी ( प्रबंध सम्पादक ) अथर्ववेद के मुण्डकोपनिषद् के आधार पर पराविद्या का विचार कर रहे हैं । शौनक महर्षि गृहस्थ... 0
ज्योतिष विज्ञान ज्योतिष और मधुमेह Mystic PowerApril 9, 2023April 11, 2023 पंडित संदीप वशिष्ठ जिज्ञासु, वनस्पति तंत्र एवं आध्यात्म विशेषज्ञ- Mystic Power- मधुमेह (डायबिटिज ) पंचतत्व के इस भौति... 0
ज्योतिष विज्ञान ज्योतिष का धर्म से क्या संबंध है ? Mystic PowerAugust 23, 2023August 21, 2023 श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )- Mystic Power – “ज्योतिषम् नेत्रमुच्यते” इसका अर्थ होता है कि वेद को समझने... 1
ज्योतिष विज्ञान ज्योतिष ग्रन्थों का काल-निर्णय Mystic PowerMarch 12, 2023March 9, 2023 श्री अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ )- Mystic Power – वैदिक ज्ञान परम्परा की उत्पत्ति स्वायम्भुव मनु से मानी जाती है, जो मनुष्य... 1
ज्योतिष विज्ञान ज्योतिष निरूपण-भ्रान्ति निवारण Mystic PowerJanuary 24, 2023January 24, 2023 शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ)- mysticpower-सृष्टि के दो सूत्र हैं- सूर्य और प्रकृति । सूर्य ही प्रकाश का एकमात्र स्रोत (सूत्र) है। प्रक... 0
ज्योतिष विज्ञान ज्योतिष में देश काल की माप Mystic PowerJune 24, 2022 श्री अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ)- १. सभ्यता का आधार वेद- वेदा हि यज्ञार्थमभिप्रवृत्ताः कालानुपूर्व्या विहिताश्च यज्ञाः। तस्मादिदं... 0