लखीमपुर खीरी दुष्कर्म नही इस्लामिक जिहाद
श्री सुन्दर कुमार (प्रधान सम्पादक)-
mystic power लखीमपुर खीरी में दो नाबालिग हिन्दू बहनों की सामूहिक बलात्कार के बाद निर्मम हत्या को इस्लाम के आधारभूत सिद्धांतो से जोड़ते हुए शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि जो लखीमपुर खीरी में हुआ है,वो ही असली इस्लाम है। मुसलमान वो ही सब कुछ कर रहे हैं जो उन्हें उनका मजहब शिक्षा देता है।इसी तरह से काफिरों अर्थात गैर मुस्लिमों की औरतों को सामुहिक बलात्कार के बाद मार देना या अपनी लौंडी अर्थात गुलाम बना लेना, इस्लाम का आधारभूत अधिकार है। ये कार्य दुनिया के हर इस्लामिक देश मे शरीयत क़ानून के अनुसार हो रहा है। सम्पूर्ण विश्व का इतिहास इस बात का साक्षी है। जैसे जैसे किसी देश मे मुसलमानों की जनसँख्या बढ़ती है,उस देश मे काफिरों अर्थात गैर मुस्लिमों की हत्या और उनकी महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की घटनाएं तेज होने लगती है और जब उस देश मे मुसलमान और लोगो से ज्यादा हो जाते हैं तो यहाँ शरीयत लागू हो जाती है और मुसलमानों को इसका कानूनी अधिकार मिल जाता है। दुनिया मे आज तक इसका एक भी अपवाद नहीं है। बहुत जल्दी भारतवर्ष भी इसी तरह शरीयत पर चलने लगेगा।
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया की किसी भी कौम ने इस्लाम के जिहादियों के सामने इस तरह से दयनीय समर्पण नही किया जिस तरह से हिन्दू पिछले 1400 साल से करते आ रहे हैं।
यति महाराज के अनुसार उनकी बातें अब अपना अर्थ खो चुकी हैं। फिर भी जिंदा रहने की मजबूरी है कि मुझे सच बोलना ही पड़ता है। इसी मजबूरी के कारण वो 20 सितम्बर 2022 को गाँधी की समाधि से केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर उनसे पिछले 75 वर्षों में मुसलमानों द्वारा मारे गए हिन्दुओ का सही आंकड़ा जारी करने का आग्रह करेंगे।
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