‘लव जिहाद से हिन्दू बहनों की रक्षा ही खरा रक्षाबंधन!’
श्री सुन्दर कुमार (प्रधान सम्पादक)- Mystic Power– हिन्दुओं की लडकियों को फंसाकर भगा ले जाना और अपने जनानखाने में बंद करने वालों को हिन्दू जमाता नहीं चाहिए, ऐसा नैरेटिव स्थापित किया जा रहा है । हिन्दू लडकी मुसलमान को पत्नी के रूप में स्वीकार है;परंतु मुसलमान युवती यदि हिन्दू लडके से प्रेम कर ले, तो उसके प्राण क्यों ले लिए जाते हैं ?तब तथाकथित ‘भाईचारा’ कहां जाता है ? जो धर्मांध अपनी सगी बहन के साथ विवाह करना गलत नहीं मानते, उसे अपने घर में प्रवेश देने से पहले हिन्दू बंधुओं को दस बार सोच लेना चाहिए । अब तक की घटनाओं से ‘लव जिहादियों’ की मानसिकता पहचानें और अपने परिवार को बचाएं । अब हिन्दू बहनों को कैडबरी की नहीं, अपितु स्वसुरक्षा के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, ऐसा संदेश प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ काजल हिंदुस्तानी ने रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में दिया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘लवजिहाद से हिन्दू बहनों की रक्षा, यही है खरा रक्षाबंधन ! ’इस विषय पर आयोजित विशेष संवाद में काजल हिन्दुस्तानी ने अपने विचार रखे ।
काजल हिंदुस्तानी ने आगे कहा कि उच्चशिक्षित तथा अच्छे घर की हिन्दू लडकी कबाडी वाले, पंक्चर ठीक करने वाले मुसलमान युवक के साथ भाग जाती है । ऐसी घटनाओं के पीछे बॉलिवुड द्वारा दिया जा रहा ‘सॉफ्ट पॉयजन’ कारणीभूत है । ऐसी युवतियां बॉलीवुड की अंतरधर्मीय विवाह करने वाली अभिनेत्रियों को आदर्श मानती हैं । उसके पीछे काला पक्ष समझती नहीं । ‘शाहरूख’ की गौरी होने का प्रयत्न करती हैं; परंतु उन्हें यह समझ में नहीं आता कि उनका ‘शाहरूख’ पंक्चर बनाने वाला है। आज धर्मांधों को हिन्दू युवतियों को फंसाकर लाने का प्रशिक्षण दिया जाता है । उसके लिए पैसे खर्च किए जाते हैं। हिन्दू युवकों को मंदिर के पुजारी ऐसा कुछ भी नहीं कहते। हिन्दू युवती भ्रमित होने के पीछे बॉलीवुड, सोशल मीडिया,ओटीटी प्लेटफॉर्म एवं टीवी पर आने वाले विज्ञापन कारणीभूत हैं ।
काजल के अनुसार, आज अपने मंदिरों से हिन्दुओं को धर्म शिक्षा देने की व्यवस्था नहीं; जब कि मदरसों में धर्म सिखाने के साथ-साथ लडने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है । हमें अहिंसा की जन्म घुट्टी पिलाकर तेजहीन करने का षड्यंत्र चालू है । आज विविध प्रकार के जिहाद के लिए मौलानाओं को धन की दिया जा रहा है; जब कि हिन्दू धर्मियों द्वारा मंदिरों को दी गई धनराशि सरकार लूट रही है । इस कारण हिन्दू समाज दुर्बल हो गया है । हिन्दू समाज को इतनी क्षति तो मुगलों और अंग्रेजों ने भी नहीं पहुंचाई, जितनी कांग्रेसी, सेक्युलरवादी सरकारों सहित कम्युनिस्ट इतिहासकार एवं ईसाई शिक्षा प्रणाली ने की है । इस संदर्भ में हिन्दू संगठनों को घर-घर जाकर प्रबोधन करने की आवश्यकता है । हिन्दू बंधुओं को भी किसी न किसी हिन्दू संगठन से जुडना होगा । युवावस्था में हार्मोनल चेंजेस होने से वे भावनिक एवं संवेदनशील हो जाते हैं; इसलिए महिला संगठनों को प्रत्येक महीने में एक बार तो विद्यालयों में जाकर 12-13 वर्षीय लडकियों का ‘लव जिहाद’ के संकट के बारे में प्रबोधन करना चाहिए, ऐसा आवाहन भी काजल जी ने किया ।
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