मिस्टिक ज्ञान सृष्टि के मूल में कामशक्ति Mystic PowerJanuary 4, 2024January 3, 2024 डा. दीनदयाल मणि त्रिपाठी ( प्रबंध संपादक ) Mystic Power– सम्पूर्ण विश्व द्वन्द्वात्मक है। सम्पूर्ण सूष्टि मैयुनात्मक है। इन दो... 0
मिस्टिक ज्ञान शिव-शक्ति Mystic PowerDecember 14, 2023 स्वामी विष्णु तीर्थ जी महाराज Mystic Power- यद्यपि ब्रह्म अक्षर है अर्थात् उसमें कभी किसी प्रकार का परिणाम नहीं होता, वह अपरिणामी, अ... 0
धर्म-पथ सामवेद मे यज्ञ से संबंधित ऋचाएं… Mystic PowerDecember 6, 2023December 4, 2023 श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ)- Mystic Power- १. “अञ्जते व्यञ्जते समजते, क्रतुं रिहन्ति मध्वाभ्यञ्जते ।” (साम० १... 0
मिस्टिक ज्ञान गतित्रय प्रबोध: पाप पुन्य वाली योनियां Mystic PowerDecember 4, 2023December 4, 2023 श्री मुदित मिश्र- Mystic Power- तीन गुणों से तीन प्रकार के पाप-पुण्य और उनसे मिलने वाली योनियाँ तामसिक वृत्ति:- १.जिन... 0
धर्म-पथ तैत्तिरीय आरण्यक में विहित वेद-संकीर्तन… Mystic PowerNovember 30, 2023 श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )- Mystic Power- ‘वेद’ श्रीभगवान् के श्वास-प्रश्वाससे उद्भूत पवित्र मन्त्रोंके समुदाय हैं... 0
धर्म-पथव्रत पर्व और उत्सव प्रकाशोत्सव …राम भजन का उत्सव Mystic PowerNovember 4, 2023September 25, 2023 श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )- Mystic Power – अमावस्या = घोर अन्धकार । वर्ष में १२ अमावस्याएँ होती है। हर मास की प्रत्येक अ... 0
मिस्टिक ज्ञान वेद में श्रीराम की पुरी अयोध्या कैसी है? Mystic PowerNovember 2, 2023September 26, 2023 श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )- Mystic Power- श्रीराम की पुरी अयोध्या कैसी है ? वेद वचन है… ” अष्टचक्रा नवद्वारा देवान... 0
धर्म-पथ वेद में अध्यापकों का दायित्व Mystic PowerOctober 30, 2023 श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )- Mystic Power- अथर्ववेद में शिक्षा का उद्देश्य बताया गया है- व्यक्ति की बुद्धि की तीक्ष्ण करना उसे... 0
धर्म-पथ वेदों में पाप का परिणाम क्या है ? Mystic PowerOctober 27, 2023October 28, 2023 श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )- Mystic Power– पाप क्या है ? – पाप और पुण्य के लक्षणों के विषय में विद्वानों मे... 0
मिस्टिक ज्ञान वेद में स्त्री तत्त्व विमर्शन Mystic PowerOctober 20, 2023 श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )- Mystic Power- “शक्ति धर्माय नमः स्त्री हि ब्रह्मा बभूविथ ।... 0