ज्योतिष विज्ञान ज्योतिष में नक्षत्र Mystic PowerJune 25, 2022 डॉ. दीनदयाल मणि (प्रबंध संपादक) अनेक ताराओं के समुदाय को नक्षत्र की संज्ञा दी जाती है। निरुक्तकार यास्क ने नक्षत्र शब्द का निर्वचन क... 0
ज्योतिष विज्ञान बार्हस्पत्य संवत्सर गणना Mystic PowerJune 24, 2022 अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ) हर मत से गणना एक ही आती है, पर वराहमिहिर को संवत् प्रवर्त्तक विक्रमादित्य का राज ज्योतिषी मानने के बदल... 0
ज्योतिष विज्ञान विवाह-मेलापक तथा मंगल, गुरु एवं सूर्य पर विचार… Mystic PowerJune 15, 2023June 16, 2023 श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )- Mystic Power – ‘धन्यो गृहस्थाश्रमः ‘ विवाह गृहस्थाश्रम से सम्बन्धित प्रथम संस्का... 0
ज्योतिष विज्ञान बुरी नजर लगने की मान्यता क्यों? Mystic PowerJanuary 25, 2024 श्री श्रीराम जिज्ञासु ( प्रश्न ज्योतिष ) Mystic Power – संसार के लगभग सभी देशों में बुरी नजर लगने के प्रभाव को जाना जाता है।... 0
ज्योतिष विज्ञान गीता में ज्योतिष Mystic PowerOctober 11, 2022 ( ब्रह्म्म्लीन श्रद्धेव स्वामी : श्री रामसुखदासजी महाराज ) mystic power – महाप्रलयपर्यन्त कालचक्रं प्रकीर्तितम्। ̵... 0
ज्योतिष विज्ञान होलिका दहन पर शुभ फलदायी उपाय Mystic PowerMarch 4, 2023February 27, 2023 डॉ० बिपिन पाण्डेय, आचार्य, ज्योतिर्विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ Mystic Power – फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका द... 0
मिस्टिक ज्ञान अथनामकरणयज्ञ Mystic PowerNovember 9, 2022 शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ)- नाम की व्युत्पत्ति अभिवादनार्थक नम् धातु से होती है। नमति -ते अथवा प्रेरणार्थे नमयति – ते +... 1
ज्योतिष विज्ञान नवग्रह पूजा के माध्यम से धन-सम्पति,आयु प्राप्त करने का वैदिक मार्ग Mystic PowerJanuary 22, 2024January 20, 2024 श्री नारायणदास – Mystic Power- पुराणों में आता है की लक्ष्मी, शान्ति, पुष्टि, वृद्धि तथा आयु की इच्छा रखने वाले वीर्यवान् पुरु... 0
ज्योतिष विज्ञान सामुद्रिक शास्त्र Mystic PowerJune 25, 2022 डा. दीनदयाल मणि त्रिपाठी-प्रबंध संपादक जातक, रमल, केरलीय प्रश्न आदि अंगों की तरह सामुद्रिक शास्त्र भी ज्योतिषशास्त्र का एक अंग है।... 0
ज्योतिष विज्ञान ज्योतिष में देश काल की माप Mystic PowerJune 24, 2022 श्री अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ)- १. सभ्यता का आधार वेद- वेदा हि यज्ञार्थमभिप्रवृत्ताः कालानुपूर्व्या विहिताश्च यज्ञाः। तस्मादिदं... 0