Tag: mystic gyan

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अथर्ववेदीय-राधिकातापनीयोपनिषत्-रहस्य–768×461

अथर्ववेदीय राधिकातापनीयोपनिषत् रहस्य

डॉ.दीनदयाल मणि त्रिपाठी (प्रबंध संपादक)- अथर्ववेदीय राधिकातापनीयोपनिषत् में वेद की ऋचाओं ने ब्रह्मज्ञानियों से कहा है। यथा-   य...
mystic power mundkopnishad

मुन्डकोपनिषद पर आधारित सत्संग

श्री ज्ञानेंद्रनाथ – मुन्डकोपनिषद पर आधारित उपरोक्त सत्संग सर्वाधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह परा-विद्या और अपरा-विद्या का भेद बताता...
ब्रह्म्म्दंड

ब्रह्मदण्ड

डॉ. दीनदयाल मणि त्रिपाठी (प्रबंध सम्पादक)- ब्रह्मदण्ड की चर्चा श्रीमद्वाल्मीकि रामायण के बालकाण्ड 56वें सर्ग में आयी है कि विश्वामित...
पुराणो-को-वेद-की-आत्मा-कहा-गया-है।-768×461

पुराणो को वेद की आत्मा कहा गया है।

डॉ.दिलीप कुमार नाथाणी (विद्यावाचस्पति)- ‘आत्मा पुराणं वेदानाम्‘।। ‘पुराणं परमर्षिणा‘।। ‘पुरा भवं पुराणं‘।। ‘इतिहास पुराणानि भिद्यन्त...
कार्त्तिकेय-768×461

कार्त्तिकेय

श्री अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ) १. सुब्रह्मण्य- सम्पूर्ण विश्व ही ब्रह्म है। चेतन रूप में पुरुष है। अव्यक्त स्रोत के ४ भाग में १...
कल्प-भेद-768×461

कल्प भेद

अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ) १. युग परिवर्तन काल- कलप भेद हरि चरित सुहाये (रामचरितमानस, १/३२/७) कलप कलप प्रति प्रभु अवतरहीं (रामचरि...