तमिलनाडु सरकार क्या ‘सनातन धर्म’ के मंदिर भी नष्ट करेगी ?
श्री सुन्दर कुमार (प्रधान सम्पादक )-
Mystic Power- स्वयं को ईसाई मानने वाले तमिलनाडु के क्रीडामंत्री उदयनिधि स्टैलिन को सनातन धर्म नष्ट करना है; परंतु द्रविड विचार धारा पर चलने वाली तमिलनाडु सरकार वहां का जातीयवाद नहीं मिटा पाई । इसके विपरीत वह वाद–विवाद और अधिक बढ गया । आज वहां के हिन्दू हताश हो गए हैं । तमिलनाडु में अतिक्रमण के नाम पर हिन्दुओं के पुरातन मंदिर तोडे जा रहे हैं; परंतु चर्च अथवा मस्जिद को हाथ तक नहीं लगाया जा रहा है । द्रमुक सरकार को हिन्दुओं में भेदभाव दिखाई देता है; परंतु चर्च में भेदभाव क्यों नहीं दिखाई देता ? तमिलनाडु में मंदिरों का सरकारीकरण हुआ है और मंदिर चलाने वाली सरकार के मंत्री सनातन धर्म नष्ट करने की प्रतीक्षा में हैं । ऐसी सरकार हिन्दुओं के मंदिर चलाएगी अथवा उन्हें नष्ट करेगी ?, ऐसा सवाल ‘भारत वॉइस’ की संस्थापिका गायत्री एन्. ने हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘सनातन धर्म क्या डेंग्यू, मलेरिया समान नष्ट हो जाएगा ?’ विषय पर आयोजित विशेष संवाद कार्यक्रम किया ।
सत्ता की लालसावश सनातन धर्म की आलोचना !
इस अवसर पर ‘पी गुरुज् होस्ट’, मेगा टीवी के भूतपूर्व वृत्तनिवेदक जे.के. ने कहा, द्रमुक पक्ष की द्रविड संस्कृति की विचारधारा सनातन विरोधी है । इसलिए उन्होेंने पहले ब्राह्मणों का विरोध किया, तदुपरांत हिन्दुओं के देवी–देवताओं की मूर्तियां तोडीं और देवताओं का अनादर किया । द्रमुक के नेताओं को लगता है कि यह सब करने से उन्हें सत्ता मिली। ‘सनातन धर्म नष्ट होना चाहिए’, ऐसा कहना भी इस विरोध का ही एक भाग है । हिन्दुओं को आज संगठित होकर इसका विरोध करना चाहिए । द्रमुक के समर्थक भारत के स्वतंत्रता दिन को ‘काला दिवस’के रूप में मानते हैं । उन्हें अब भी तमिलनाडु पर ब्रिटिशों का राज्य चाहिए। विरोधी पक्षों ने राष्ट्रीय स्तर पर ‘I.N.D.I.A.’ नामक गठबंधन बनाया है । इस गठबंधन के नेताओं पर दबाव लाकर अधिकाधिक लोकसभा की सीटें अपने पक्ष में करना और गठबंधन का प्रधानमंत्री पद के लिए दावा करना, इस कारण ऐसे वक्तव्य किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत संगठक शंभू गवारे बोले, ‘सनातन धर्म के विषय में द्वेषमूलक विधान करने के उपरांत भी तमिलनाडु में उदयनिधि स्टैलिन के विरोध में एक भी अपराध नहीं प्रविष्ट किया जाता । इसके विपरीत उदयनिधि के आक्षेपजनक विधान का विरोध करने वाले एवं आंदोलन करने वाले हिन्दुओं पर तथा हिन्दू संगठनों पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनाया जा रहा है । यह प्रकार अत्यंत वेदनादायी है । उनकी मांग है की इन आंदोलन को गंभीरता से लेकर उदयनिधि स्टैलिन एवं अन्य दोषियों पर कार्यवाई करनी चाहिए ।’
"मिस्टिक पावर में प्रकाशित सभी लेख विषय विशेषज्ञों द्वारा लिखे जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं का सम्पादन मिस्टिक पावर के अनुभवी एवं विशेषज्ञ सम्पादक मण्डल द्वारा किया जाता है। मिस्टिक पावर में प्रकाशित लेख पाठक को जानकारी देने तथा जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया जाता है। मिस्टिक पावर लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है।"
:- लेखक के व्यक्तिगत विचार होते हैं जो कि सनातन धर्म के तथ्यों पर आधारित होते हैं। -: