कोष्ठ बद्धता या कब्ज का सरल उपचार

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  • आयुष
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  • 31 October 2024
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डॉ. दीनदयाल मणि त्रिपाठी (प्रबंध संपादक) एक हरड़ खाने अथवा 2 से 5 ग्राम हरड़ के चूर्ण को गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज मिटती है। शास्त्रों में कहा गया हैः यस्य माता गृहेनास्ति तस्य माता हरीतकी। कदाचित्कुप्यते माता न चोदरस्था हरीतकी।। ‘जिसकी माता नहीं है उसकी माता हरड़ है। माता कभी क्रुद्ध भी हो सकती है किन्तु पेट में गई हुई हरड़ कभी कुपित नहीं होती।’ मेथी, सोंठ और हल्दी सामान मात्र में मिलकर, पीसकर नित्य सुबह शाम खाना खाने के बाद गरम पानी से दो – दो चम्मच फ़की लेने से लाभ होता है।

  1. रोज सुबह भूखे पेट एक चम्मच कुटी हुई दाना मेथी में, १ ग्राम कलोंजी मिलकर एक बार फाकी ले।
  2. दाना मेथी हमेशा सुबह खली पेट, दोपहर और रत को खाना खाने के बाद आधा चम्मच पानी के साथ फाकने से सभी जोड़ मजबूत रहेंगे और जोड़ो का दर्द कभी नहीं होगा।
  3. हल्दी, गुड, पीसी दान मेथी और पानी सामान मात्र में मिलकर, गरम करके इनका लेप रत को घुटनों पर करे। इस पर पट्टी बांध कर रत भर बंधे रहने दे। सुबह पट्टी हटा कर साफ कर ले। कुछ ही में असर महसूस हो जयेगा।
  4. अलसी के बीजो के साथ 2 अखरोट लेने से जोड़ो के दर्द से आराम मिलता है।
  5. मेथी के लड्डू खाने से हाथ पेरो के और जोड़ो के दर्दो में आराम मिलता है।
  6. 30 के उम्र के बाद दाना मेथी की फाकी लेने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते है। बुढ़ापे तक मधुमेह, ब्लड प्रेशर और गठिया जेसे रोगों से बचाव होता है।
  7. मेथी दाने को तवे या कढ़ाही में गुलाबी होने तक सेके। ठंडा होने पर पीस ले। रोज सुबह आधा चम्मच , एक गिलास पानी के साथ ले।
  8. मेथी को दर्दारी कूट कर इसकी सर्दियों में २ चम्मच और गर्मी में एक चम्मच फाकी सुबह पानी के साथ ले।
  9. अंकुरित मेथी खाए और उसके खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खाएं।

उपरोक्त उपचार रोग न होने के लिए है और यदि कोई रोग है भी तो उसे भगाने में बहुउपयोगी है



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