नवग्रह शांति हेतु जप एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसका उद्देश्य नौ ग्रहों की शांति और उनकी अनुकूलता प्राप्त करना है। यह जप वैदिक ज्योतिष और हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। नवग्रहों में सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, और केतु शामिल हैं। प्रत्येक ग्रह का अपना विशिष्ट मंत्र होता है, जिसे सही ढंग से जपने से व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव कम होते हैं और शुभ प्रभाव बढ़ते हैं।
नवग्रह शांति हेतु जप निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्यों के लिए किया जाता है:
1. स्वास्थ्य और समृद्धि: ग्रहों के अनुकूल होने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जीवन में समृद्धि आती है।
2. कष्टों का निवारण: ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव से उत्पन्न कष्टों और समस्याओं का निवारण होता है।
3. मानसिक शांति: ग्रहों की शांति से मानसिक और भावनात्मक संतुलन प्राप्त होता है।
4. रिश्तों में सुधार: ग्रहों की अनुकूलता से पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते मधुर होते हैं।
पूरे विधि-विधान जप किया जाना अतिआवश्यक है।
नियमित रूप से और विधिपूर्वक किए गए नवग्रह शांति जप से जीवन में संतुलन, सुख और शांति प्राप्त होती है।
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