भगवान शिव के प्रिय माह सावन में भगवान सदाशिव रुद्र की विशेष पूजा के लिए रुद्राभिषेक करते हैं। सावन के अलावा आप महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत या फिर उस दिन जब शिववास हो तोरुद्राभिषेक कर सकते हैं। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक यानि भगवान शिव को स्नानकराना। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सभी देवताओं की आत्मा में भगवान सदाशिव रुद्र विराजमान हैं। इनकी पूजा करने से सभी देवों की पूजा हो जाती है। भगवान भोलेनाथ महाकाल हैं, उनकी पूजा से अकालमृत्यु का संकट भी दूर हो जाता है। रुद्राभिषेक करने से इस जन्म के साथ पिछले जन्म के भी पाप नष्ट हो जाते है और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान रूद्र में सभी देवताओं का वास होता है इसलिए जब हम रुद्राभिषेक करते है तो सभी देवता प्रसन्न होते है । किसी व्यक्ति की कुण्डली में यदि कालसर्प योग लगा हो तो उसे शिव रुद्राभिषेक करना चाहिए इससे कालसर्प योग का प्रभाव दूर होता है। यदि श्रावण के महीने में रुद्राभिषेक करते है तो यह अति फलदायी होता है ।
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