श्राद्ध कर्म हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे पितरों (पूर्वजों) की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए किया जाता है। यह संस्कार व्यक्ति द्वारा अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता प्रकट करने का माध्यम है। श्राद्ध कर्म आमतौर पर पितृ पक्ष के दौरान किया जाता है, जो भाद्रपद माह की पूर्णिमा से अमावस्या तक चलता है। इस दौरान, परिवार के सदस्य विधिपूर्वक तर्पण, पिंडदान, और भोजन का आयोजन करते हैं, जो विशेष रूप से ब्राह्मणों को समर्पित किया जाता है। माना जाता है कि इस प्रक्रिया से पितरों को तृप्ति मिलती है, और वे आशीर्वाद देते हैं। श्राद्ध कर्म का उद्देश्य मृत पूर्वजों की आत्मा की उन्नति और उनके ऋण से मुक्ति पाना है। यह संस्कार परिवार की समृद्धि, सुख-शांति, और पितरों के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
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