धर्म-पथ

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रामदूत हनुमान्

सहज भक्ति

अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ)– बिनु सतसंग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥ (रामचरितमानस, बालकाण्ड, २/४) यह विरोधाभास जैसा दीखत...
swasti vachan

स्वस्ति वाचन

अरुण कुमार उपाध्याय ( धर्मज्ञ )- स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः स्वस्ति...
हनुमान जन्मोत्सव और हनुमानजी की उपासना

हनुमान जन्मोत्सव और हनुमानजी की उपासना

कु. कृतिका खत्री –प्रवक्ता, सनातन संस्था , दिल्ली- छोटे से लेकर बडों तक सभी को समीप के प्रतीत होनेवाले भगवान अर्थात ‘पवनपुत्र’ ! पवन...
सनातन तथा अमृत तत्त्व

सनातन तथा अमृत तत्त्व

अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ)- (१) श्रेय-प्रेय मार्ग-एक सन्त इसी धर्म के नियमों के अनुसार सन्त बन कर उसका चोला डाले हैं पर सदा सनातन...
धनत्रयोदशी-धनतेरस-का-आध्यात्मिक-महत्व-768×461

धनत्रयोदशी (धनतेरस) का आध्यात्मिक महत्व

कु. कृतिका खत्री, सनातन संस्था, दिल्ली दिवाली से जुड़े इस त्योहार के अवसर पर नए आभूषण खरीदने की प्रथा है। व्यापारी भी इस दिन अपने ति...
समन्वय ज्ञान

समन्वय ज्ञान

अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ)- ज्ञान केवल समन्वय से होता है। यह ब्रह्म सूत्र के आरम्भ में ही है, जिसे चतुःसूत्री कहा जाता है। १-अथात...
mystic power

ब्रह्म के स्थान

अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ )-   मनुष्य ब्रह्मा कई थे, उनके स्थान तथा समय भी भिन्न-भिन्न हैं। इसमें भ्रम के कई कारण हैं। (१) ध...