![](https://mysticpower.in/wp-content/uploads/2022/06/॥-सप्तश्लोकी-दुर्गा-॥.jpg)
॥ सप्तश्लोकी दुर्गा ॥
शिव उवाच
देवि त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनी। कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायं ब्रूहि यत्नतः ॥
देव्युवाच शृणु देव प्रवक्ष्यामि कली सर्वेष्टसाधनम् ।
मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते ॥
विनयोग
ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमहामन्त्रस्य नारायण ऋषिः । अनुष्टुभादीनि छन्दांसि ।
श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवताः। श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्लोकी दुर्गापाठे विनियोगः ॥
ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा । बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥ ॥ १॥
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो.. स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्र्यदःखभयहारिणि का त्वदन्या,सर्वोपकारकरणाय सदाऽऽर्द्रचित्ता ।।
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके । ॥२॥
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ३॥
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे । सर्वस्यातिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ॥ ४॥
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते । भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते ॥ ॥ ५॥
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् । त्वामाश्रितानां न विपन्नराणा त्वामाश्रिता ह्याअयता प्रयान्ति ॥ ६॥
सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेचार । एवमेव त्वया कार्यमस्मरि विनाशनम् ॥
॥ इति श्री दुर्गा सम्पूर्णा ॥
"मिस्टिक पावर में प्रकाशित सभी लेख विषय विशेषज्ञों द्वारा लिखे जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं का सम्पादन मिस्टिक पावर के अनुभवी एवं विशेषज्ञ सम्पादक मण्डल द्वारा किया जाता है। मिस्टिक पावर में प्रकाशित लेख पाठक को जानकारी देने तथा जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया जाता है। मिस्टिक पावर लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है।"
:- लेखक के व्यक्तिगत विचार होते हैं जो कि सनातन धर्म के तथ्यों पर आधारित होते हैं। -:
![](https://mysticpower.in/wp-content/uploads/2023/02/DONATION.jpeg)
![](https://mysticpower.in/wp-content/uploads/2023/10/contact-us-.png)