Tag: गीता

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आन्तरिक यज्ञ

आन्तरिक यज्ञ

श्री अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ )- Mystic Power – यज्ञ का अर्थ है इच्छित वस्तु की प्राप्ति या उत्पादन के लिए किया गया कर्म (...
काशी मुक्ति

काशी मुक्ति

  श्री अरुण कुमार उपाध्याय -(धर्मज्ञ) Mystic Power-  १. ब्रह्म प्राप्ति-मुक्ति केवल ब्रह्म साक्षात्कार से होती है-मामुपेत्य तु...
dharam

ज्ञान-कर्म

अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ)- गीता, अध्याय ३ में अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि कभी आप कहते हैं कि ज्ञान अच्छा है, कभी कहते है...
bhagwan

भक्त से क्या भोग चाहते हैं ? भगवान्…

श्री शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )- Mystic Power- सम्प्रति भोजन से निवृत्त होकर आसनस्थ हुआ हूँ । विचार कर रहा हूँ- भगवान् को भोजन चाहि...
वेद में मूर्ति तत्त्व

वेद में मूर्ति तत्त्व

अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ) १. मूर्त-अमूर्त का समन्वय- परात्पर निर्विशेष ब्रह्म निराकार है। उसे देखना, जानना सम्भव नहीं है। उसके द...
वेद-ज्ञान का आधार

वेद-ज्ञान का आधार

श्री अरुण कुमार उपाध्याय धर्मज्ञ Mystic Power – १. विश्व स्रोत- यह मनु स्मृति का कथन है। न केवल ज्ञान, बल्कि विश्व, ३ लोक ४ वर...
समाधिपाद

समाधिपाद

स्वामी श्री अडगड़ानन्दजी   Mystic Power- शास्त्र के आरम्भ में ही प्रश्न स्वाभाविक है कि योग मूलतः है क्या?   अथ योगानुशासन...