सुन्दर कुमार (प्रधान संपादक)-
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघर्षों का कारण अतिवाद, समाधान बुद्ध की थाईलैंड में वैश्विक हिंदू-बौद्ध पहल संवाद में कहा कि दुनिया के कई संघर्ष संतुलित दृष्टिकोण के बजाय अतिवादी रुख अपनाने से उत्पन्न होते हैं। बुद्ध की शिक्षाएं ही ऐसी चुनौतियों का समाधान कर सकती हैं । प्रधानमंत्री मोदी ने बुद्ध के बताए मध्यम मार्ग का अनुसरण कर अतिवाद से बचने पर बल देते हुए कहा कि संयम का सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में यह मार्गदर्शन प्रदान करता है।
इन दिनों थाईलैंड में 'संघर्ष से बचने के लिए' आयोजित वैश्विक हिंदू बेड पहल 'संवाद' चल रहा है इसके चौथे संस्करण की वीडियो संदेश के जरिये संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि धम्म के सिद्धांतों में एशिया की साझा परम्परा दुनिया को संकट से जूझने का जवाब देती है। साथ ही संवाद के माध्यम से उन्होंने जोर दिया कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति एशियाई क्षेत्र को मजबूत करने में सक्षम है।
प्रधान मंत्री ने संसाधनों का इस्तेमाल करते समय युवा पीढ़ियों को सन्देश देते हुए याद दिलाया कि आज प्रगति के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते समय हमें भविष्य की पीढ़ियों के प्रति प्रति अपनी जिम्मेदारी पर भी विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि संसाधनों का उपयोग विकास के लिए किया जाए, लालच के लिए नहीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संघर्ष का एक और कारण दूसरों को खुद से मौलिक रूप से अलग समझना है जिसके कारण मतभेद से दूरियां पैदा होती हैं । उन्होंने कहा, मतभेद दूरियों को जन्म देते हैं और दूरियां कलह में बदल सकती हैं। इसका मुकाबला करने के लिए, उनहोंने धम्मपद के एक श्लोक का भी विवरण दिया, जिसमें कहा गया है कि हर कोई दर्द और मृत्यु से डरता है।
पीएम मोदी ने संवाद में अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत में बौद्ध सर्किट के हिस्से के रूप में महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों को जोड़ने के लिए पर्यटन बुनियादी ढांचे का विकास किया है। उन्होंने इस सर्किट पर यात्रा को सुविधा के लिए बुढ पूर्णिमा एक्सप्रेस' विशेष ट्रेन और तीर्थयात्रियों के लाभ के लिए कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का जिक्र किया।
दोनों देशों को जोड़ते हैं रामायण और रामकियन
भारत और थाईलैंड के बीच दो हजार वर्षों से भी अधिक समय तक चले गहरे सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि रामायण और रामकियन दोनों देशों को जोड़ते हैं और भगवान बुद्ध के प्रति उनकी श्रद्धा उनहें एकजुट करती है।
समृद्ध संस्कृति, इतिहास और विरासत के लिए मेजबान देश थाईलैंड की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि थाईलैंड पशिया की साइय दार्शनिक और आध्यात्मिक परंपराओं का एक सुंदर उदाहरण है।
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