शशांक शेखर शुल्ब (धर्मज्ञ )
mystic power- हमारे ऋषि मुनियों को ग्रहों के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए पेड़-पौधों की भूमिका का भी पता था। अन्य बातों की तरह ही जब गंभीरतापूर्वक काफी दिनों तक ग्रहों के प्रभाव को दूर करने में पेड पौधों की भूमिका का भी परीक्षण किया गया तो निम्न बातें दृष्टिगोचर हुई?
1. यदि जातक का चंद्रमा कमजोर हो, तो उन्हें तुलसी या अन्य छोटे-छोटे औषधीय पौधे अपने अहाते में लगाकर उसमें प्रतिदिन पानी देना चाहिए।
2. यदि जातक का बुध कमजोर हो तो उसे बिना फल फूलवाले या छोटे छोटे हरे फलवाले पौधे लगाने से लाभ पहुंच सकता है।
3. इसी प्रकार जातक का मंगल कमजोर हो तो उन्हें लाल फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।
4. इसी प्रकार जातक का शुक्र कमजोर हो तो उन्हें सफेद फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।
5. इसी प्रकार जातक का सूर्य कमजोर हो तो उन्हें तप्त लाल रंग के फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।
6. इसी प्रकार जातक का बृहस्पति कमजोर हो तो उन्हें पीले फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।
7. इसी प्रकार जातक का शनि कमजोर हो तो उन्हें बिना फल-फूल वाले या काले फल-फूलवाले बड़े-बड़े पेड़ लगा़ने से लाभ होगा।
ध्यान रहे, ये सभी छोटे-बड़े पेड़-पौधे पूरब की दिशा में लगे हुए हों, इसके अतिरिक्त ग्रह के बुरे प्रभाव से बचने के लिए पश्चिमोत्तर दिशा में भी कुछ बड़े पेड़ लगाए जा सकते हैं, किन्तु अन्य सभी दिशाओं में आप शौकिया तौर पर कोई भी पेड़ पौधे लगा सकते हैं। उपरोक्त समाधानों के द्वारा जहां ग्रहों के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है, वहीं अच्छे प्रभावों को बढ़ा पाने में भी सफलता मिल सकती है।
यह तथ्य सर्वविदित ही है कि विभिन्न पदार्थों में रंगों की विभिन्नता का कारण किरणों को अवशोषित और उत्सर्जित करने की शक्ति है। जिन रंगों को वे अवशोषित करती हैं, वे हमें दिखाई नहीं देती, परंतु जिन रंगों को वे परावर्तित करती हैं, वे हमें दिखाई देती हैं। यदि ये नियम सही हैं तो चंद्र के द्वारा दूधिया सफेद, बुध के द्वारा हरे, मंगल के द्वारा लाल, शुक्र के द्वारा चमकीले सफेद, सूर्य के द्वारा तप्त लाल, बृहस्पति के द्वारा पीले और शनि के द्वारा काले रंग का परावर्तन भी एक सच्चाई होनी चाहिए। ऐसे में ज्योतिष में रंगों का विशेष महत्व बताया गया है।
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