‘पी.एफ.आई.’पर प्रतिबंध स्वागत योग्य!

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  • 31 October 2024
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श्री  सुन्दर कुमार (प्रधान सम्पादक)- mystic power - केंद्र सरकार ने ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफइंडिया’ अर्थात ‘पी.एफ.आई.’पर गैरकानूनी कृत्य प्रतिबंधक कानून द्वारा (UAPA)प्रतिबंध लगाया है, इस निर्णय का हिन्दू जनजागृतिसमिति स्वागत करती है । ‘पी.एफ.आई.’का अनेक राष्ट्र विरोधी और आतंकवादी कार्यवाहियों में तथा हिन्दू नेताओं की हत्याओं में सहभाग दिखाई दिया है । हिन्दू जनजागृतिसमिति विगत समय से आंदोलन,निवेदन,सोशलमीडिया कैम्पेन आदि के माध्यम से ‘पी.एफ.आई.’पर प्रतिबंध लगाने की मांग कररही थी । देश में नवरात्रि का उत्सव चल रहा है और उसी समय ‘पी.एफ.आई.’सहित नौ जिहादी संगठनों को समाप्त किया गया है।  अब ‘पी.एफ.आई.’ के राजनीतिक संगठन ‘एस.डी.पी.आई.’पर प्रतिबंध लगाकर ‘दशहरा’ मनाएं,ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने की है । वहीँदूसरी ओर शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज भी पी एफ आई को प्रतिबंधित करने का स्वागत करते हुए कहा कि इस्लाम के जिहाद से लड़ाई अभी बहुत लंबी है। जिस संगठन का नाम आज तक पी एफ आई था,अब वही संगठन किसी और नाम से सामने आयेगा। इस्लाम का जिहाद यूँ ही चलता रहेगा और निर्दोष नागरिक मारे जाते रहेंगे। इस्लाम का जिहाद किसी संगठन या व्यक्ति पर आधारित नहीं है। जब तक कुरान है,मदरसे हैं, मस्जिद हैं, तब तक इस्लाम के ज़िहाद को रोका नही जा सकता। अगर भारत सरकार अपने नागरिकों की चिंता करती है तो उसे चीन का अनुसरण करना पड़ेगा। केंद्र सरकार को समझना पड़ेगा की इस्लाम के जिहादियों के प्रति दया दिखाने का अर्थ ही अपने शांतिप्रिय नागरिकों का सम्पूर्ण विनाश है। केंद्र सरकार को संकल्प शक्ति दिखाते हुए इस्लामिक जिहाद की जड़ पर वार करने का प्रयास शुरू कर देना चाहिये।   कुछ वर्ष पूर्व केंद्र सरकार ने डॉ.जाकिर नाइक के ‘इस्लामिक रिसर्चफाऊंडेशन’ पर प्रतिबंध लगाते हुए उसे फरार आतंकवादी घोषित किया था;परंतु इसी आतंकवादी के ट्विटर और फेसबुक पर 50 से अधिक खाते चल ही रहे हैं । इसी प्रकार अब ‘पी.एफ.आई.’और संलग्न संस्थाओं पर यद्यपि प्रतिबंध लगाया गया है, तथापि उनके भी ट्विटर और फेसबुक खाते अभी भी चल रहे हैं । इस प्रतिबंध के कारण आतंकवादी कार्यवाहियां निश्चित ही रुकेंगी;परंतु आतंकवादी विचारधारा फैलाने का कार्य चलता ही रहेगा । यदि इनका सोशल मीडिया पर आतंकवाद का प्रसार होता रहा,तो देश में अराजकता फैलाने के लिएउ नका उपयोग होगा और प्रतिबंधल गाने का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा । इसलिए ‘पी.एफ.आई.’और उससे संलग्न सर्व संगठनों के ट्विटर और फेसबुक एवं अन्यसोशल मीडिया खाते भी तत्कालबंद करने चाहिए, ऐसी हमारी आग्रह पूर्वक मांग है।   पुणेमें कुछ समय पूर्व ही ‘पी.एफ.आई.’के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया था एवं उसमें ‘पाकिस्तानजिंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे । ऐसी घटनाएं भी अब बडी मात्रा में होंगी । अतः ऐसे नारे लगाने वालों पर भी देशद्रोह के अभियोग प्रविष्ट किए जाएं, ऐसीमांग भी समिति ने की है।      



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