वानर-भालू जातियां

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  • मिस्टिक ज्ञान
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  • 31 October 2024
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श्री अरुण कुमार उपाध्याय (धर्मज्ञ)- Mystic Power- मुण्डा जनजाति के भुइयां लोग अपने को हनुमान का वंशज कहते हैं। चालुक्य विक्रमादित्य के ३८वें वर्ष (१११२ ई) के शिलालेख में उन्होंने अपने को वानर बलि जाति के दडिग (दधिमुख) का वंशज कहा है। दधिमुख वानरराज बलि के पितामह थे जिन्होंने मधुवन का निर्माण किया था (रामायण, सुन्दर काण्ड, ६२/३३) जाम्बवान् के वंशज की पुत्री जाम्बवती से भगवान् कृष्ण का विवाह हुआ था, जिनके पुत्र साम्ब ने कोणार्क में सूर्य पूजा की थी। आज भी द्वारका के निकट जामनगर है, जहां के राजाओं को जामसाहब कहते हैं। परशुराम के समय या अन्य काल में क्षत्रिय राजा पराजित हो कर पर्वत में शरण लिए वे ऋक्ष थे, जो समुद्र तट पर गये वे वानर हुए। अस्ति पौरवदायादो विदूरथ सुतः प्रभो॥७५॥ ऋक्षैः संवर्धितो विप्र ऋक्षवत्यथ पर्वते॥।७६॥ बृहद्रथो महातेजा भूरिभूतिपरिष्कृतः॥८१॥ गो लाङ्गूळैर्महाभागो गृध्रकूटेऽभिरक्षितः। मरुत्तस्यान्ववाये च रक्षिताः क्षत्रियात्मजाः॥८२॥ मरुत्पतिसमा वीर्ये समुद्रेणाभिरक्षिताः। एते क्षत्रिय दायादास्तत्र तत्र परिश्रुताः॥८३॥ https://mysticpower.in/hanumanji-dipdan-vidhi/ कोला का अर्थ पूरे विश्व में भालू होता है। आस्ट्रेलिया में भालू की एक जाति है कोला। उत्तर अमेरिका में कोक भालुओं का प्रिय फल था, अतः उसे कोका कोला कहते थे। पश्चिमोत्तर रूस में भालू क्षेत्र कोला प्रायद्वीप है, जहां मरमंस्क के निकट एक विशाल चक्रव्यूह है जिसका नाम संस्कृत में है-कन्दलाक्ष। चण्डी पाठ प्रथम अध्याय के अनुसार कोला विध्वंसियों ने राजा सुरथ का राज्य नष्ट कर दिया था। पता नहीं, वे भारत के थे या आस्ट्रेलिया के। कोला अगले दो पैर से हाथ की तरह पकड़ता है। अतः गोद में लेना कोला (कोरा) है। पंजाबी में कोल = अपने पास। ओड़िशा में कोलप = ताला। लक्ष्मी को कोलप में रखते हैं, अतः उनका स्थान कोलापुर है। पर्वत की सुरक्षा में जो रहे, वे कोला या ऋक्ष हुए। समुद्र के निकट जिन्होंने शरण लिया वे मरुत्पति जैसे बली थे, अतः वे मरुत् वंशज कहे गये। समुद्र को वननिधि कहा गया है, उसमें जो विचरण करता है वह वानर है। बान्ध्यो वननिधि नीरनिधि उदधि सिन्धु वारीश। सत्य तोयनिधि कम्पति जलधि पयोधि नदीश॥ (रावण द्वारा रामसेतु बनने पर आश्चर्य व्यक्त कर समुद्र के १० नाम कहना, रामचरितमानस, लंका काण्ड, ५)। समुद्र तट पर जहां जहाज रुकते हैं उनको भी वानर या बन्दर कहते हैं, ईरान का बन्दर अब्बास, पश्चिम तट पर पोरबन्दर, बोरीबन्दर, भायन्दर, बोर्नियो का बन्दर श्री वेगवान या भगवान्। हनुमान को वेगवान् भी कहा गया है- हनूमता वेगवता वानरेण (५४/३१, ३२ हनुमान् मारुत गतिः महा नौः इव सागरम् (५७/४) (रामायण, सुन्दर काण्ड) बालि तथा तारा ने परस्पर संवाद में आर्या या आर्यपुत्र कहा है, जो मनुष्य को ही कहते हैं। हनुमान मनुष्य रूप में ही वेद के विद्वान् थे।  



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