प्रत्येक बुद्ध मनुष्य रूप में दीखता है। ७ लोक, २४ प्रकृति या बुद्धि के २८ अशक्ति के अनुसार ७, २४,...
पृथ्वी एवं उसके परिक्रमण-पथ द्वारा आकाश पर बने प्रक्षेप की संज्ञा “विष्णु” है। इस प्रक्षेप के अनेक रूप हैं किन्तु...
यह प्रश्न ही भ्रामक है क्योंकि वेदों में किसी भी प्रकार की अश्लीलता नहीं है। संस्कृत भाषा में यौगिक,रूढ़ि एवं...