मनुस्मृति के कुछ अंशों की निन्दा आरम्भ हुई तो स्वामी दयानन्द सरस्वती ने उसके २५% भाग को निकाल दिया।...
भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार राम सिर्फ एक नाम नहीं अपितु एक...
कतिपय महत्त्वपूर्ण आचारों की समीक्षा से स्पष्ट हो जाता है कि स्मृतिकारों की सूक्ष्म दृष्टि से मानव-जीवन का कोई क्षण...
बालकों को कथा साहित्य या कहानियों के माध्यम (बहाने) से नीतिशास्त्र की महत्वपूर्ण बातों का उपदेश दिया जाता है ।...
आसक्ति का नाम संग होता है । इस संसार में जितनी भी अच्छाई कहीं किसी में आई है, वह सत्संग...
एकादशी का वास्तविक अर्थ है- एक दिन के भोजन से अपने को अलग-थलग रखना भोजन करने में सुख है।...
“प्राण ही धर्म है।” जहाँ हमारी बुद्धि काम नहीं करती वहाँ विवेक काम आता है। जहाँ विवेक भी काम नहीं...
पृथ्वी एवं उसके परिक्रमण-पथ द्वारा आकाश पर बने प्रक्षेप की संज्ञा “विष्णु” है। इस प्रक्षेप के अनेक रूप हैं किन्तु...